कल तक जो नेता भाई-भाई के समान थे,
आज वही एक दूसरे कि शक्ल तक नहीं देखना चाहते ।
चुनाव की ब्यार कुछ ऐसी चल पडी,
सभी लगा रहे एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप की झडी ।
टिकट न मिलने पर एक मंत्री ने बौखला कर कहा,
पैसे तो ले लिए अब टिकट देने में क्या है देरी ।
टिकट बांटने वालो ने हंस कर कहा मल्टीप्लेक्स में कभी पिक्चर नहीं देखी लगता है,
अरे भई पिक्चर अगर हिट हो तो टिकट खिडकी से नहीं ब्लैक में मिलता है ।
पढाई लिखाई कि इनके सामने बात मत करना,
थोडा मुशकिल से ही तो भाषण की स्क्रिप्ट याद कर पायेंगी ।
जब चूल्हा चौका ठीक से संभाल लेती है,
देश को संभालेंगी तो क्या गजब ढाऐंगी ।
गर सरकार हमारी बनी तो हम भूख, गरीबी और आतंकवाद का सफाया कर देंगे,
ये आशवासन कम और धमकी ज्यादा लगती है
ये आशवासन कम और धमकी ज्यादा लगती है
मतलब गर सरकार इनकी न बनी तो जन्ता भूखों ही मर जायेगी ।
Wednesday, April 1, 2009
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kya baat hai bhai bahut achha likha hai bade netao ki utarne mai lage ho kya diusmani hai netao se
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