Thursday, February 19, 2009
भ्रष्टाचारी कौन............?
जब बात राजनीति की चलती है तो हमारे ज़हन में कई तसवीरें राजनीति को लेकर बनती है जैसे राजनीति बडी खराब चीज़ है...। अरे भाई मोटा पैसा कमाना हो तो उघोगपति क्या बनना राजनीति में शामिल हो जाओ इसमें हींग लगे न फिटकरी और रंग चौखा ही चौखा है । मतलब एक बार सत्ता की कुर्सी पर बैठ जाइये और फिर देखिए रंग । जाहिर है राजनीति की नींव डालने वालो ने इसका निर्माण देश के विकास के लिए किया लेकिन इस सत्ता की आड में ऐसी कई चीजों का विकास हो रहा है जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की हो । राजनीति के इस खेल में सबसे ज्यादा अगर किसी चीज को बढावा मिला तो वो है भ्रष्टाचार । परन्तु यदि भ्रष्टाचार को पनपने देने का आरोप यदि हम नेताओं,सरकारी कर्मचारियों या फिर पुलिस पर लगायें तो यह कुछ हद तक ही सही होगा । क्योंकि ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती। हम इन सभी लोगो को भ्रष्टाचार का आरोपी कहते है पर कहीं न कहीं हम और आप जैसे आम लोग भी भ्रष्टाचार के बढावे में संलिप्त है । हर मनुष्य हर छोटे से छोटे काम को पूरा करवाने के लिए सबसे सरल व सुगम साधनो की तरफ पहले भागता है । पैसा देकर या लेकर हर कोई अपना काम निकलवाना चाहता है और वो इस काम में माहिर भी है । जब प्रत्येक मनुष्य इस रास्ते पर चल रहा है तो किसे भ्रष्टाचारी कहे और किसे नहीं ये समझ पाना शायद ही संभव हो । जिस दिन प्रत्येक मनुष्य स्वयं हित की बात को छोडकर देश हित की बात करेगा उस दिन से ही हमारा देश भ्रष्टाचार के राक्षस की गिरफत से आज़ाद होने लगेगा ।
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